प्रश्नचिह्न : साहित्यिक परिदृश्य में सार्थक हस्तक्षेप

कलमकार की रिपोर्ट   संवेदनाओं को झकझोरती स्तरीय रचनाओं की सुरुचिपूर्ण प्रस्तुति के साथ ‘प्रश्नचिन्ह’ पत्रिका का फरवरी 2025 का अंक मौजूदा साहित्यिक परिदृश्य में सार्थक हस्तक्षेप करता है।  पत्रिका में शंकरानंद. डॉ. निर्मल, वीरेंद्र नारायण झा, ट्विंकल तोमर सिंह और वेद प्रकाश तिवारी की ह्रदयस्पर्शी कविताएं हैं।शंकरानंद अपनी मार्मिक कविता ‘जोशीमठ’ में पहाड़ दरकने से तबाह…

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