एआई ग्रोक का खुलासा :  रिपब्लिक टीवी, जी न्यूज, टाइम्स नाउ और ऑप इंडिया पर सनसनीखेज या झूठी खबरें फैलाने के आरोप

 

जनमन इंडिया टीम द्वारा संकलित और संपादित

दिल्ली । भारत में झूठी खबरें ( फेक न्यूज) फैलाने वालों की पहचान करना एक जटिल मुद्दा है, क्योंकि इसमें कई पक्ष शामिल हैं और यह संदर्भ पर निर्भर करता है। विभिन्न अध्ययनों, रिपोर्ट्स और विश्लेषणों के आधार पर, फेक न्यूज के प्रसार में निम्नलिखित समूहों या माध्यमों का नाम बार-बार सामने आता है :

मीडिया संस्थान: कुछ न्यूज़ चैनल्स और वेबसाइट्स, जैसे कि  रिपब्लिक टीवी, ज़ी न्यूज़, टाइम्स नाउ, और ऑप इंडिया पर सनसनीखेज या झूठी खबरें फैलाने के आरोप लगते रहे हैं। इन्हें अक्सर “गोदी मीडिया” कहकर संबोधित किया जाता है, जो कथित तौर पर सत्तारूढ़ दल के पक्ष में खबरें चलाते हैं।

वट्सएप और अन्य मैसेजिंग ऐप्स : भारत में तीन हजार लाख से ज़्यादा वट्सएप यूज़र्स हैं, और यह झूठी खबरें फैलाने का बसे बड़ा माध्यम बना हुआ है। यहां झूठी खबरें तेज़ी से वायरल होती हैं, खासकर ग्रामीण इलाकों में।

  ऑप इंडिया और पोस्टकार्ड न्यूज जैसे मंच पर अल्पसंख्यकों के खिलाफ भ्रामक खबरें फैलाने का आरोप लगता रहा है। इसके अलावा,श्रीवास्तव ग्रुप जैसे संगठनों का नाम भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फेक न्यूज नेटवर्क से जोड़ा गया है।

इसके अलावा, विभिन्न राजनीतिक पार्टियाँ, खासकर चुनावी मौसम में, अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए गलत सूचनाएँ फैलाने का आरोप झेलती हैं। ये लोग सोशल मीडिया और वाट्सएप जैसे प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल करते हैं। कुछ प्रभावशाली लोग, जो किसी खास विचारधारा से जुड़े होते हैं, भ्रामक जानकारी फैलाते हैं। इसमें दक्षिणपंथी और वामपंथी दोनों तरह के लोग शामिल हो सकते हैं।

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