महाकुंभ के बाद भी जाम की समस्या बरकरार, बाहरी गाड़ियों का आगमन बंद होने से जरूरी सामान की कमी

वाराणसी की तरफ जाने वाली मुख्य सड़क पर झूंसी के जिराफ चौराहे पर 12.58 बजे की तस्वीर
प्रयागराज । महाकुंभ तो बीत गया, मगर इसकी गहमागहमी का असर अब भी प्रयागराजवासियों पर तारी है। प्रयागराज वासियों का जीना दूभर कर हो गए है।आये दिन लग रहे जाम से एक तरफ जहाँ आम दिनचर्या प्रभावित है वही शहर में एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाना मुश्किल हो गया है।10 मिनट की दूरी भी तय करने 5 से 10 घण्टे तक लग रहे हैं।लोग अपनी दुकानों,कार्यालयों व अन्य कार्यालय स्थलों तक समय से नहीं पहुंच पा रहे हैं।
झूंसी,नैनी,फाफामऊ से मुख्य शहर तक कि यात्रा दूभर हो गयी है।शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक कि दुकानों में रोज मर्रा की ज़रूरतों का सामान खत्म हो गया है।बाहर से आने वाली बड़ी गाड़ियों को शहर में प्रवेश न मिल पाने से सामानों की आपूर्ति ठप्प हो गयी है।शहर के चौक जैसे व्यस्त इलाकों में सन्नाटा पसरा हुआ है।उम्मीद थी माघी पूर्णिमा स्नान के बाद आम शहरियों को राहत होगी पर हुआ इसके विपरीत।मेला प्रशासन श्रद्धालुओं की गिनती करने व विशिष्ट व अतिविशिष्ट लोगों व उनके परिवारों को संगम स्नान कराने में अभी तक व्यस्त हैं।
सड़क दुर्घटना में 10 श्रद्धालुओं की मौत
संगम स्नान करके लौट रहे व संगम स्नान करने आने वाले श्रद्धालुओं की रोज कहीं न कहीं सड़क दुर्घटना में मरने की खबरें आ रही हैं। शुक्रवार की रात्रि यमुनानगर मेजा के निकट श्रद्धालुओं से भरी बोलेरो व बस की जोरदार टक्कर में बोलेरो सवार सभी 10 लोगों की मौत हो गई।बस के अधिकांश यात्री घायल हैं।महाकुंभ में मरने वालों का अभी तक कोई सही आंकड़ा नहीं मिल पाया है।सरकार ने भी नहीं सोचा था कि इतनी बड़ी संख्या में लोग महाकुंभ आ जायेंगें।प्रयागराज महाकुंभ के चलते अयोध्या,वाराणसी,मिर्जापुर, चित्रकूट आदि धार्मिक स्थलों पर भी भारी भीड़ जमा हो गयी है।महाकुंभ मोक्ष से अधिक पर्यटन व मनोरंजन का रूप ले चुका है।इसलिए भीड़ में युवाओं, युवतियों, बच्चों की भी अपार भीड़ देखी जा सकती है।हर चौराहे व गली पर पुलिस की बैरिकेटिंग लगी है।कुछ गिनी चुनी सड़कों को ही यातायात के लिए खोला गया है।कुल मिलाकर स्थिति बड़ी भयावह है।पुलिस, प्रशासन भी भीड़ को नियंत्रित करने में तमाम प्रयासों के बाद भी नाकाम नजर आ रहा है।