बांग्लादेश खुलासा : हसीना की सरकार को गिराने के लिए अमेरिका ने खोला था खजाना: रिपोर्ट
सोना सिंह/जनमन इंडिया ब्यूरो प्रमुख

दिल्ली। पिछले साल अगस्त में पड़ोसी देश बांग्लादेश में प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ युवाओं के विरोध से ऐसी परिस्थितियां बनीं कि हसीना को देश छोड़कर भारत आना पड़ा। उस समय मीडिया में हसीना सरकार के पतन के पीछे अमेरिकी सरकार का हाथ होने की चर्चा भी उठी थी।
अब इंटरनेशनल रिपब्लिकन इंस्टीटय़ूट की एक रिपोर्ट लीक हुई है. यह रिपोर्ट 2020 में इंस्टीटय़ूट ने अमेरिका के विदेश विभाग को सौंपी थी। इसमें बताया गया है कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन की सरकार ने शेख हसीना की सरकार गिराने के लिए चलाए गए अभियान के लिए फंड उपलब्ध कराया था. यह रिपोर्ट 1 मार्च 2019 से 31 दिसंबर 2020 के बीच बांग्लदेश में चलाए गए इंटरनेशनल रिपब्लिकन इंस्टीटय़ूट (आईआरआई) के चलाए गए अभियानों के बारे में है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि आईआरआई की टीम ने बांग्लादेश में 170 ऐसे कार्यकर्ताओं की पहचान की थी, जो देश की राजनीति को अस्थिर करने में आईआरआई के साथ काम कर सकते थे। रिपोर्टों यह भी बताया गया है कि आईआरआई की टीम ने बांग्लादेश के कलाकार तौफीक अहमद के साथ मिलकर हसीना सरकार को अस्थिर करने के लिए काम किया। तौफीक अहमद को उनके गीत ‘ए दाई खार ’ को रिलीज कराने के लिए फंड दिया गया था। इंटरनेशनल रिपब्लिकन इंस्टीटय़ूट इंटरनेशनल रिपब्लिकन इंस्टीटय़ूट की स्थापना 1983 में नेशनल एंडोमेंट फॉर डेमोक्रेसी के तहत की गई थी।
इस संस्था के बोर्ड में अमेरिकी सीनेटर के अलावा कई पूर्व अधिकारी और कर्मचारी शामिल हैं. संस्था का दावा है कि उसका किसी तरह के राजनीतिक विचारधारा से संबंध नहीं है। इस संगठन को अमेरिकी विदेश विभाग, जॉर्ज सोरोस की यूएसएआईडी और नेशनल एंडोमेंट फॉर डेमोक्रेसी से फंड मिलता है। चार साल से तैयारी लीक हुए दस्तावेजों के अनुसार बांग्लादेश की हसीना सरकार को गिराने के लिए चार साल पहले से तैयारी शुरू हो चुकी थी।
आईआरआई की टीम ढाका, सिलहट, राजशाही समेत कई प्रमुख शहरों और गांवों में 170 कार्यकर्ताओं की पहचान कर उन्हें बदलाव का सिद्धांत का प्रचार करने का जिम्मा दिया था। लोगों को इसके लिए बकायदा प्रशिक्षण भी दिया गया और युवाओं को आंदोलन से जोड़ा गया।
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