बस्ती : जमानत पर छूटे सत्यनारायन उर्फ साधू और उसका बलात्कार का दोषसिद्ध अपराधी भाई जगन्नाथ धमका रहे गांव की महिलाओं को !

एससीएसटी एक्ट का आरोपी सत्यनाराण उर्फ साधू

पीड़िता

एससीएसटी एक्ट के मामले का ब्योरा

लखनऊ। जमानत पर छूटा एक अभियुक्त गांव की पीड़िता और अन्य महिलाओं को धमकी देता घूम रहा है। पीड़िता डरी-सहमी है और उसने मदद की मांग की है। हालांकि, अदालत में मामला विचाराधीन है, और जल्द सुनवाई होने वाली है।

मामला बस्ती जिले के थाना परशुरामपुर के गांव नन्दनगर का है। मामला यह है कि करीब तीन साल पहले एक अनसूचित जाति की महिला विन्ध्यवासिनी अपने धोबीघाट पर कपड़े वगैरह धोने का काम करती थी। गांव का आरोपी सत्यनारायन उर्फ साधू अपने तीन अन्य साथियों के साथ मौके पर गया और मारपीट कर वृद्ध महिला को अधमरा कर दिया, उनका धोबीघाट तोड़ दिया।

काफी समय तक पुलिस आरोपियों का साथ देती रही, लेकिन जब मामला अनुसूचित जाति-जनजति आयोग में पहुंचा तो तत्कालीन क्षेत्राधिकारी पुलिस की जांच में मामला सही पाया गया। सीओ की रिपोर्ट के बाद मुल्जिम सत्यनारायन उर्फ साधू समेत चार लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज हुई। फिलहाल, यह मामला विशेष न्यायाधीश ( एससी-एसटी एक्ट) बस्ती के यहां मुकदमा नंबर 2562/ 2022  के तहत चल रहा है, जिसमें अगली 6 मार्च की पेशी लगी है। पेशी पर इस पर पीड़िता महिला विंध्यवासिनी का बयान दर्ज होना है। इस मामले में राज्य पीड़िता की तरफ से मुकदमा लड़ रहा है।

सूत्रों ने बताया कि साधू इस मामले में जमानत पर छूटा हुआ है और उसके खिलाफ परशुरामपुर थाने में गुंडा ऐक्ट भी लगा था। उसका एक भाई जगन्नाथ बलात्कार के मामले में दस साल का सजायाफ्ता है। वह भी जमानत पर है। आरोप है कि दोनों गांव की महिलाओं को डराते-धमकाते हैं। जगन्नाथ शराब पीकर रात को गालियां बकता घूमता है।  महिलाओं के सामने पेशाब कर देता है।

इसका प्रमाण यह है कि कुछ दिन पहले अनारकली नाम की महिला ने थाने में तहरीर देकर कहा था कि सत्यनारायन उर्फ साधू ने उसे और उसकी बेटी को मारापीटा तथा जबरदस्ती उसके घर पर खड़ंजा लगवाना चाहता था। पुलिस ने इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की। उस झगड़े का एक वीडियो भी अनारकली की बेटियों ने बनाया था, जिसमें पुलिसवाला कहता है कि अगर साधू दोबारा परेशान करे तो चौकी पर बता देना। उसमें अनारकली की बेटी कहती कि यह पुलिसचौकी पर पैसा खिला देता है। उस वीडियो में साधू भी है, जो पुलिस के सामने ही कह रहा है कि हां वह पैसा देता है, अब और पैसा देगा।

पीड़िता विंध्यवासिनी के परिजनों ने बताया कि वह अक्सर उनकी दुकान के पास बनी चाय की गुमटी पर बैठ कर धमकाने की बातें करता रहता है। इस संबंध में ‘जनमन इंडिया’ ने पुलिस अधिकारियों से जानकारी  चाही तो कुछ स्पष्ट उत्तर नहीं मिल सका है। हालांकि, गांव वालों की नजरें बस्ती में चल रहे मुकदमे पर लगी हैं। अगर दोषसिद्धि होती है तो आरोपी को उम्र कैद तक सजा हो सकती है।

कितनी है एससीएसटी ऐक्ट में सजा का प्रावधान-

अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 के तहत, अपराध के हिसाब से  आजीवन कारावास तक की सज़ा हो सकती है। इसके अलावा, जुर्माने का भी प्रावधान है। इस अधिनियम के तहत पीड़ितों को मुआवज़े का भी प्रावधान है।  

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