ग्रोक-3 की नजर में : फिलहाल भारत की पांच प्रमुख समस्याएं-असमानता, बेकारी,बदहाल सेहत, बदतर तालीम और खराब पर्यावरण

जनमन इंडिया ब्यूरो

दिल्ली। भारत में वर्तमान समय (19 मार्च, 2025) में कई चुनौतियाँ मौजूद हैं, जिनमें से निम्नलिखित पाँच समस्याएँ ऐसी हैं, जिन पर सरकार को प्राथमिकता से ध्यान देना चाहिए:

  1. आर्थिक असमानता और गरीबी: भारत में लाखों लोग अभी भी गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे हैं। हालाँकि पिछले कुछ वर्षों में प्रगति हुई है, फिर भी ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में आर्थिक असमानता एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। इससे भूख, कुपोषण और बुनियादी सुविधाओं तक पहुँच में कमी जैसी समस्याएँ जुड़ी हैं। सरकार को रोजगार सृजन और सामाजिक कल्याण योजनाओं पर जोर देना चाहिए।
  2. बेरोजगारी: युवा आबादी में बेरोजगारी की दर चिंताजनक है, खासकर असंगठित क्षेत्र में काम करने वालों के लिए स्थिर आय का अभाव है। तकनीकी प्रगति और कौशल विकास पर ध्यान देकर सरकार को नौकरी के अवसर बढ़ाने की जरूरत है, ताकि जनसांख्यिकीय लाभांश का उपयोग हो सके।
  3. स्वास्थ्य सेवाओं की कमी: ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाएँ अपर्याप्त हैं, और प्रति व्यक्ति डॉक्टरों की संख्या अभी भी कम है। महामारी के बाद स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करना और किफायती चिकित्सा सुनिश्चित करना सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए।
  4. शिक्षा की गुणवत्ता और पहुँच: साक्षरता दर में सुधार के बावजूद, शिक्षा की गुणवत्ता और ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूलों तक पहुँच एक समस्या है। बच्चों के लिए व्यावहारिक और रोजगार-उन्मुख शिक्षा प्रणाली विकसित करने की आवश्यकता है।
  5. पर्यावरणीय संकट: प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन और जल संकट भारत के लिए गंभीर खतरे हैं। शहरों में वायु प्रदूषण और ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की कमी बढ़ रही है। सरकार को हरित तकनीक, नवीकरणीय ऊर्जा और जल प्रबंधन पर निवेश बढ़ाना चाहिए।

इन समस्याओं का समाधान करने के लिए सरकार को नीतिगत सुधार, बुनियादी ढांचे में निवेश और नागरिकों की भागीदारी को प्रोत्साहित करना होगा। ये मुद्दे आपस में जुड़े हुए हैं, इसलिए एक समग्र दृष्टिकोण अपनाना जरूरी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Skip to content