बी. कुमार की कलम से

पहले की तस्वीर ( ऊपर) और अब ( नीचे की तस्वीर)

गाजियाबाद। यह गाजियाबाद में वसुंधरा और इंदिरापुरम का इलाका है। ये जो मार्ग आप देख रहे हैं, ये हिंडन नहर के साथ-साथ कनावनी पुलिया के पास की जगह है। ऊपर राजनगर एक्सटेंशन फ्लाईओवर है। कुछ साल पहले तक यह मार्ग बहुत हद तक साफ सुथरा और लोगों के आने-जाने लायक था (ऊपर की तस्वीर)। लेकिन अब इसकी हालत (नीचे वाली तस्वीर) सबके सामने है। बेरोकटोक अतिक्रमण, सुनियोजित विकास का अभाव और स्वस्छ्ता अभियान के बड़े बड़े दावों की पोल खोलती ऐसे अनेक जगहें कहीं भी दिख जाएंगी।

दरअसल, करीब चार-पांच महीने पहले तक इस मार्ग से सटे हुए वसुंधरा सेक्टर नौ में खुला मैदान था। बताते हैं कि वहां कुछ हिस्सा दूध का कारोबार करने वाले लोगों का है, जहां वे अपनी गाय भैंसे बांधे रहते हैं और वे दूध बेचने का काम करते हैं। लेकिन उसी के पास पिछले कई साल में झुग्गी बस्ती विकसित हो गई।

इसके अलावा, बुधवार को साप्ताहिक बाजार भी लगता था। लेकिन करीब आठ-नौ महीने पहले उस झुग्गी बस्ती को यह कहकर हटा दिया गया कि वहां नशे का अवैध कारोबार धड़ल्ले से होने लगा था। इसका खमियाजा साप्ताहिक बाजार वालों पर भी पड़ा। साप्ताहिक बाजार को खिसक कर सामने की सड़क पर शिफ्ट हो गया लेकिन झुग्गी बस्ती वाले कहां गए, कुछ पता नहीं था।

हाल ही में साप्ताहिक बाजार को भी एक-दो हफ्ते तक यह कह कर नहीं लगने दिया गया कि इलाके में हाल ही में इन साप्ताहिक बाजारों की वजह से एक एबुंलेंस को निकलने की जगह नहीं मिल पाई और मरीज की मौत हो गई थी।

बहरहाल, करीब चार-पांच महीने पहले कनावनी पुलिया के पास राजनगर फ्लाईओवर के नीचे वाले इस मार्ग पर फिर से झुग्गी बस्ती विकसित होने लगी और उसकी परिणति सामने है।

यह अतिक्रमण से भी ज्यादा सुनियोजित विकास के अभाव का मुद्दा है। प्रशासन को यह सुनिश्चित करना होगा कि सार्वजनिक जगहों पर तो अतिक्रमण नहीं ही हो, लेकिन साथ ही झुग्गी बस्ती वालों को रहने का ठिकाना किसी रिहाइशी इलाके में मुहैया कराया जाए।

Skip to content