कौन बनेगा भाजपा में यूपी का ‘सूबेदार’

जनमन इंडिया
लखनऊ । उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए हरीश द्विवेदी के अलावा कई अन्य नाम भी चर्चा में हैं। वर्तमान में इस पद को लेकर पार्टी के भीतर और राजनीतिक गलियारों में काफी हलचल है, खासकर 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद और 2027 के विधानसभा चुनाव की तैयारियों को देखते हुए। जो लोग होड़ में हैं, उनमें से कुछ नाम यहां दिए जा रहे हैं।
हरीश द्विवेदी : बस्ती से पूर्व सांसद और भाजपा के वरिष्ठ नेता हरीश द्विवेदी का नाम इस पद के लिए मजबूती से उभरा है। उनकी एबीवीपी से शुरुआत, संगठन में सक्रियता, और केंद्रीय नेतृत्व व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से नजदीकी उन्हें मजबूत दावेदार बनाती है। हालांकि, 2024 के लोकसभा चुनाव में उनकी हार ने कुछ सवाल खड़े किए हैं, लेकिन असम का प्रभारी बनाए जाने से उनकी स्थिति फिर मजबूत हुई है।
भूपेंद्र चौधरी : वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी का कार्यकाल चर्चा में रहा है। उनके नेतृत्व में भाजपा ने 2022 का विधानसभा चुनाव जीता, लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव में पार्टी को अपेक्षाकृत कम सीटें मिलीं। फिर भी, कुछ लोग मानते हैं कि उनकी दोबारा ताजपोशी हो सकती है, खासकर ओबीसी चेहरे के रूप में।
विद्यासागर सोनकर : दलित समुदाय से आने वाले इस नेता का नाम भी जोरों पर है। जौनपुर से सांसद और संघ से जुड़ाव रखने वाले सोनकर को संगठन में मजबूत आधार और अनुसूचित जाति के प्रतिनिधित्व के लिए एक संभावित चेहरा माना जा रहा है।
धर्मपाल सिंह : योगी सरकार में पशुपालन मंत्री धर्मपाल सिंह का नाम भी समय-समय पर सामने आता रहा है। ओबीसी समुदाय से होने के कारण वे भी एक संभावित दावेदार हैं।
इनके अलावा, कुछ अन्य सांसदों और नेताओं के नाम भी छिटपुट रूप से चर्चा में आते रहे हैं, जैसे बीएल वर्मा और स्वतंत्र देव सिंह। भाजपा की रणनीति में जातिगत समीकरण, संगठनात्मक मजबूती, और आगामी चुनावों में बेहतर प्रदर्शन की संभावना अहम भूमिका निभाएगी। माना जा रहा है कि जल्द ही इस पद के लिए अंतिम फैसला हो सकता है, क्योंकि जिला अध्यक्षों के चुनाव पूरे होने के बाद ही प्रदेश अध्यक्ष का चयन होगा।
कौन इस पद पर काबिज होगा, यह पार्टी के शीर्ष नेतृत्व, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के इनपुट, और उत्तर प्रदेश की मौजूदा राजनीतिक परिस्थितियों पर निर्भर करेगा।